कहे कुंदन कविराय
शनिवार, 20 अक्टूबर 2018
बनना चाहता हूँ नायाब
लिखना चाहता हूँ बहुत
पढ़ना चाहता हूँ किताब
होना चाहता हूँ कामयाब
बनना चाहता हूँ नायाब
-कंचन ज्वाला कुंदन
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