देखो मैं बेचैन हूँ
मंजिल से मुझे मिला दो
यदि वह किसी पेड़ पर है
गिराने को उसे हिला दो
दिल मेरा चाहता है कि
जल्दी मुझे दिला दो
यदि वह पानी में घुला हिया
लाओ वह पानी मुझे पिला दो
यदि मंजिल जहर में मिले
जरा भी गम नहीं पिला दो
उसके बिना वैसे भी मरा हुआ हूँ
इतना तो रहम करो मुझे जिला दो
-कंचन ज्वाला कुंदन
मंजिल से मुझे मिला दो
यदि वह किसी पेड़ पर है
गिराने को उसे हिला दो
दिल मेरा चाहता है कि
जल्दी मुझे दिला दो
यदि वह पानी में घुला हिया
लाओ वह पानी मुझे पिला दो
यदि मंजिल जहर में मिले
जरा भी गम नहीं पिला दो
उसके बिना वैसे भी मरा हुआ हूँ
इतना तो रहम करो मुझे जिला दो
-कंचन ज्वाला कुंदन
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