क्रोध ने मेरा घर ढहाया
क्रोध ने मेरा घर बहाया
घर-आँगन की दूरियां बढ़ गई
क्रोध ने ऐसा जाल बिछाया
मैंने दिल अपनों का तोड़ा
क्रोध ने कितने बार फँसाया
क्रोध अचूक हथियार है कुंदन
जिसने सबकी लुटिया डुबाया
- कंचन ज्वाला कुंदन
क्रोध ने मेरा घर बहाया
घर-आँगन की दूरियां बढ़ गई
क्रोध ने ऐसा जाल बिछाया
मैंने दिल अपनों का तोड़ा
क्रोध ने कितने बार फँसाया
क्रोध अचूक हथियार है कुंदन
जिसने सबकी लुटिया डुबाया
- कंचन ज्वाला कुंदन
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