अपने मन की
भाषा समझो
है क्या उसकी
अभिलाषा समझो
मन की हमसे उम्मीद क्या हिया
आशा समझो
मन क्यों दुखी मन से पूछो
निराशा समझो
- कंचन ज्वाला कुंदन
भाषा समझो
है क्या उसकी
अभिलाषा समझो
मन की हमसे उम्मीद क्या हिया
आशा समझो
मन क्यों दुखी मन से पूछो
निराशा समझो
- कंचन ज्वाला कुंदन
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