रूह रूह करते मिलेगा क्या
हो गया सत्यानाश तो
रूह के चक्कर में कहीं
बन गया जिंदा लाश तो
रूह के ख़्वाब का क्या करोगे
जिस्म है अगर पास तो
रूह गया रूह अफ़जा लेने
जिस्म ही है ख़ास तो
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