मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

रूह गया रूह अफ़जा लेने

 


रूह रूह करते मिलेगा क्या 

हो गया सत्यानाश तो


रूह के चक्कर में कहीं 

बन गया जिंदा लाश तो 


रूह के ख़्वाब का क्या करोगे 

जिस्म है अगर पास तो 


रूह गया रूह अफ़जा लेने

जिस्म ही है ख़ास तो 

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