श्वान जैसा ही घ्राण शक्ति
अब इंसानों के नाक में है
मांसल-मांसल कच्चा मांस
रोज रात ख़ुराक में है
कितना मजा ये तू भी जाने
छप छप छपाक में है
अब केवल जिस्मानी वास्ता
रूह का राब्ता राख़ में है
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