सोमवार, 21 अक्टूबर 2024

गिर जाए तो गाज है

 


उठ जाए तो ताज है 

गिर जाए तो गाज है 


दब जाए तो राज है 

खुल जाए तो खाज है 


करोगे तो नाज है 

कहोगे तो लाज है 


मैं सोचकर हैरान हूँ 

बड़ा गजब समाज है 

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