कौन डाल है कौन है पात
कोठे में सब टूटा जात
आज घड़ी है गिनती कर लो
तुमने गुजारी कितनी रात
मंदिर-मस्जिद धागा खोले
कोठे ने ही जोड़ी बात
सच कहूँ तो बुरा लगेगा
कोई मारा जैसे जमकर लात
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