जमकर इसकी धाक है
बाकी सब तो खाक है
उभरे हुए उरोज पर
धंस गई मेरी आँख है
मैं कहता हूँ तुम भी आओ
इस रास्ते की साख है
ये चार इंच की चांदनी है
ये चार इंच की सुराख़ है
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