रहता है ये नीचे मगर
ऊपर करता राज है
सदैव घूमता सर पर ही
सबका यही सरताज है
दुनिया का संगीत निछावर
यही सुर यही साज है
जन-जन की पुकार है ये
जन-जन की आवाज है
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