एक मनोहर कहानी सुनो
रूहानी नहीं जिस्मानी सुनो
साँस बढ़ गई सुराख़ देखकर
नीचे से रिसता पानी सुनो
तुम्हारी भी वही दास्ताँ है
आज मेरी जुबानी सुनो
बूढ़ों को मुबारक बाल कथा
क्या कहता जवानी सुनो
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