जरूरी नहीं कोई कारण ही
मन छेड़ दो कभी अकारण ही
चरम सुख और परम सुख है
दाम्पत्य द्वंद्व का निवारण ही
पीठ थपथपा दो किसी बात पर
बस यूँ ही ऐसे साधारण ही
कभी-कभी जादुई बातें
बस दो मीठे उच्चारण ही
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