तुम्हारी इतनी दूरियों ने मुझे
मुट्ठल बना दिया
अब जूठा चाटता हूँ इधर-उधर
जुट्ठल बना दिया
आम चूसकर फेंक दो जैसे
गुट्ठल बना दिया
याद में तड़पूं और बताऊँ भी न
झुट्ठल बना दिया
तुम्हारी इतनी दूरियों ने मुझे
मुट्ठल बना दिया
अब जूठा चाटता हूँ इधर-उधर
जुट्ठल बना दिया
आम चूसकर फेंक दो जैसे
गुट्ठल बना दिया
याद में तड़पूं और बताऊँ भी न
झुट्ठल बना दिया
इतना ही बस काफ़ी है कि
टांग उठाना आता है उसे
इससे ज्यादा क्या चाहिए
चूत चुदाना आता है उसे
और मैं भी इतना सांड़ा हूँ
लंड घुसाना आता है मुझे
लव डिमांड भी पूरा है अब
प्यार जताना आता है मुझे
याद आता है यूँ टांग उठाना
यार तुझे बहुत मिस करता हूँ
ये दिन कट जाता है जैसे-तैसे
क्या कहूँ कैसे निस करता हूँ
कैसे भूल जाऊं चुंबन बौछार
दो-चार नहीं दस-बीस करता हूँ
मैं जानता हूँ और तुझे पता है
कहाँ-कहाँ पर किस करता हूँ
ऊपर वाला बनाता है जोड़ी
और हम बना लेते हैं घोड़ी
शादी केवल सेक्स के लिए
शरम भी नहीं आती थोड़ी
शादी की भारी चूल मची है
अपने हाथों ही माथा फोड़ी
चाहता था सपनों की रानी
मुझे मिल गई लड़की लौड़ी
लिंग के वास्ते चूत से मतलब
शादी के पहले चूत पर ध्यान
कि जात-पात से मतलब नहीं
हवस के लिए योनि अरमान
शादी के लिए जाँच-परखकर
पंडित करेंगे कुंडली मिलान
शादी के लिए जात-धरम का
बनाया हमने गजब विधान
तुम्हें पसंद है सनी लियोनी
या क्रिकेटर एमएस धोनी
जारी रखो तुम बल्लेबाजी
डटकर खेलो पिच है योनि
सेक्सी पार्टनर मिल जाए तो
यौन रस है सुखद सलोनी
योग्य वधु न मिल पाए तो
हो जाता है बड़ा अनहोनी
पीछा नहीं छोड़ता अतीत का भूत
कितना भी चोदूं इसकी माँ की चूत
कि खून के आंसू रुलाता है मुझको
अरे सुनता ही नहीं कोई ईश्वर दूत
टोने-टोटके जाने कर लिए कितने
कि पीकर देख लिया चील का मूत
अब एक ही सहारा सांस चलने का
यूँ मिलता ही रहे बस सेक्स भभूत
शादी के पहले ख़ूब अय्याशी
लड़की पटती है नल्ले से
करती रहती टाइम पास भी
कई आवारा निठल्ले से
कभी-कभी तो सेक्स प्रैक्टिस
छपरी टाइप झल्ले से
और शादी करेगी सोच-समझके
लालाजी के लल्ले से
चलो तुम भी डेट करो अब
चल रहा जमाना डेटिंग एप
सब कुछ हो गया ऑनलाइन
करो डाउनलोड सेटिंग एप
करो तुम भी सेट किसी को
कोई तो फंसेगी चैटिंग एप
या चाहिए एकदम डायरेक्ट
है उसके लिए भी बुकिंग एप
देखने की बड़ी तमन्ना है
दुपट्टे से जो ढंके हुए
दिखा दो न इक बार प्रिये
सीताफल दो पके हुए
अपने प्रिय की प्यास बुझाओ
क्या लटके रहेंगे रखे हुए
कि चंगा होकर लौट चलूँगा
मैं आया दूर से थके हुए
सौ रहस्यों से भरा हुआ है
ये योनि है कि ब्लैक होल
इधर है मेरे पास भी मौजूद
एक जादुई इलेक्ट्रिक पोल
कि घुसने को बेताब है लिंग
काले सुरंग का रास्ता खोल
जब दोनों मिलेंगे तब जाकर
ये धरती घूमेगी गोल-मटोल
छेद में डालो अपना पाइप
यही सार है सबकी लाइफ
अभी मजा लो जीएफ का
शादी के बाद होगी वाइफ
क्रिएट न करो इतना हाइप
धार कर लो अपना नाइफ
यूं बैठे मत रहो टैबू टाइप
झींगालाला कर लो लाइफ
मिर्ची जैसा लौड़ा लुल्ली
होना मंगता खड़ा लुल्ली
चुदाई करोगे या खुदाई
क्या करोगे बड़ा लुल्ली
संतुष्टि के लिए काफी है
चार इंच का छोटा लुल्ली
नहीं चाहिए आयरन मैन
नहीं चाहिए लोहा लुल्ली
जॉब भी करो नौ से पांच
चाटते भी रहो बॉस चरण
कहीं तो रहो चैन से थोड़ा
बनाओ सेक्स वातावरण
जीएफ के साथ चिकचिक
छोड़ो भी ऐसे दुराचरण
इतना भी कठिन नहीं है
सीख लो सेक्स व्याकरण
ये हैवी ड्यूटी कड़क माल
हां, यहीं गलेगी मेरी दाल
लूँ चूत मजा चटखारे लेकर
करूं चोदके गाड़ भी लाल
चूत का हूं चुतिया आशिक
समझा कर बे लौड़े के बाल
मेरी वाली पे नजर मत डाल
वरना खींच लूंगा तेरी खाल
चांस को यूं न वेस्ट करो
चांस मिले तो बेस्ट करो
दम लो सेक्स के बाद ही
गेम बजाकर रेस्ट करो
चांस मजा बड़ा अनोखा
बायचांस कभी टेस्ट करो
जब बोर हो गए पुराने से
आओ चलो लेटेस्ट करो
न तुझमें गुण है बीवी के
न मुझमें गुण है पति के
उल्टा ही धारा बह रहा है
ये विपरीत नियम गति के
मुझमें नहीं कोई कामदेव
न गुण तुझमें कोई रति के
मुझमें नहीं कोई सत्यवान
न बात तुझमें कोई सती के
मांगते रहता हूं मैं अक्सर
कहती है कि आज नहीं
क्या किया जा सकता है
नहीं का कोई इलाज नहीं
मैं मांगें जारी रखता हूं यूं
मांगने से आता बाज नहीं
एक बार मिलने के बाद
कभी न कहेगी आज नहीं
बिना प्रेम के पा सकता था
खा सकता था कच्चा मांस
भूख मिटती पर प्यास नहीं
खो दिए मैंने कितने चांस
ऐसा सेक्स नहीं करना था
जिसमें न हो कोई रोमांस
मिल जाए मिज़ाज अगर तो
मन भी करेगा डिस्को डांस
हॉर्स बन जाओ अश्वगंधा खाकर
घोड़े की तरह करो हिनहिनाकर
हकीम कहते हैं उत्तेजना बढ़ेगा
कुछ शिलाजीत भी रखो लाकर
शायद फिर जवान हो जाओगे
अधेड़ उमर में लड़की पटाकर
बकचोदी की कुछ हद होती है
दावा कर रहे हैं कसमें खाकर
दवा लेकर सेक्स मजा लो
ब्लू फिल्म के जोड़े जैसा
झटका दो सटाक-सटाक
बिजली तार के कोड़े जैसा
बढ़ा-चढ़ाकर फर्जी बातें
हमारी हालत निगोड़े जैसा
हम फंस जाते हैं चक्कर में
लाचार होकर यूँ लौड़े जैसा
बाबा-हकीम डरा रहे हैं
मुंह बनाकर लौड़े जैसा
चुतिया बना रहे हैं सारे
लिंग बनाओ हथौड़े जैसा
बह जाएगा लिंग मवाद
फट जाओगे फोड़े जैसा
एक बार देखो दवा लेकर
रातभर चोदोगे घोड़े जैसा
कठघरे में है मर्दानगी सबकी
यकीन नहीं तो पर्चा पढ़ लो
यूँ खुद पर कुछ संदेह हो तो
बाबा-हकीम से चर्चा कर लो
बिजनेस का तो यही नियम है
आओ थोड़ा-सा खर्चा कर लो
लगातार बढ़ रहा सेक्स व्यापार
चाहो तो गुप्त परिचर्चा कर लो
वशीकरण का विज्ञापन दिया है
'चिनिया बादाम' वालों ने
लिंग बढ़ाने दुकान खोल लिया
'टायर पंक्चर' वालों ने
कहीं मेरा तो नहीं छोटा लुल्ली
सताया इन्हीं ख्यालों ने
भ्रम फैलाकर लूट लिया सबको
कुत्ते कमीने सालों ने
जगह-जगह पोस्टर चिपकाया
किन लौड़े के बालों ने
लिंग नहीं बढ़ता मालिश से
झूठ बोला है सालों ने
भ्रम फैलाया है मर्दानगी पर
बाजार के जंजालों ने
बड़ा लिंग का बिजनेस बढ़ाया
छोटे लुल्ली वालों ने
कोरा प्यार कच्चा आटा
नहीं चाहिए कच्ची रोटी
कि सेक्स भी जरूरी है
अब चाहिए पक्की पुदी
फोरप्ले के बाद खाऊंगा
कि तवा में सेंककर रोटी
आदिमानव नहीं रहा मैं
यूँ पकाकर चाहिए पुदी
आग बुझाने भूख की
पेट को चाहिए रोटी
प्यास बुझाने जिस्म की
लिंग को चाहिए पुदी
हाँ, नंगा सच तो यही है
बहुत कड़वी है जिंदगी
बुरा लगे तो दफ़ा हो जा
बांधकर अपनी लंगोटी
बनते जाओगे और भी ज्ञानी
कि जितना तू अज्ञान बनेगा
यूँ ठहरे रहे तो सड़ जाओगे
कि बढ़ते रहे तो शान बनेगा
यूँ करीब होती जाएगी मंजिल
जब सफ़र बिंदु प्रस्थान बनेगा
ये बात भी ध्यान में रखना तुम
जो उदय हुआ अवसान बनेगा
कि सेक्स को लेकर मेरी चिंता
ये सेक्स कैसे सुल्तान बनेगा
फल-फूल रहा जिस्मानी धंधा
ये स्वीकृत कैसे दुकान बनेगा
प्यार ने किया पहचान कायम
सेक्स का कैसे पहचान बनेगा
ये यौन दमन यूँ जारी रहा तो
ये सेक्स बवंडर तूफान बनेगा
कैसे तोड़ोगे दानव दस्तूर
किसान बेटा किसान बनेगा
इस जाति प्रधान देश में
ये खेती कैसे प्रधान बनेगा
यहाँ हर आदमी संस्कारी है
ये सेक्स कैसे सम्मान बनेगा
तुम भी बढ़ा लो पैसा पॉवर
तू भी आला-कमान बनेगा
शाश्वत लिख गए टैगोर जी
कैसे नया राष्ट्रगान बनेगा
बाबा साहेब बना चुके हैं
कहाँ नया संविधान बनेगा
जात-धरम के दम पर ही
चुनाव में वो कप्तान बनेगा
कुर्सी संभालेगा मंत्री बेटा
कि वही मंत्री महान बनेगा
ना ही नया पुराण बनेगा
ना ही नया कुरान बनेगा
हिन्दू-मुस्लिम राष्ट्रीय खेल
झगड़ा राष्ट्रीय शान बनेगा
बिरादरी में कर गुजर-बसर
बड़ा आया इंसान बनेगा
ये तस्वीर है मेरे भारत की
कैसे नया हिंदुस्तान बनेगा
लड़की बोली पेलो न
मेरे बूब्स से खेलो न
तेरे लिंग की भूखी हूँ
आओ मेरी ले लो न
लंड घुसाओ चूत में
जोर से धकेलो न
ऊ आह करने लगी
मैंने कहा झेलो न
जब शब्द आलिंगन करेंगे
तभी बनेगी शायरी
ऐसे तो तुकबंदी करके
भर लोगे पूरी डायरी
शब्दों का सहवास हो जाए
मुकम्मल होगी शायरी
हाथ मिलाने शब्द रिवायत
केवल भरेगा डायरी
जिस्म शांत हो जाए यूँ इस तरह
कि मिलने के बाद डमी हो जाए
मिज़ाज भी मिले तो मजा दोगुना
कि सेक्स बेहद लाज़िमी हो जाए
कड़वाहट दूर करो दाम्पत्य से
इससे पहले ग़लतफ़हमी हो जाए
करो इस तरह सेक्स प्रयोग कि
आसमां नीचे ऊपर जमीं हो जाए
कि घेर लेगा कोई नई बीमारी
सेक्स की जब कमी हो जाए
चूत से ज्यादा मजा है बूब्स में
कि नींबू जब मौसमी हो जाए
खाने से पहले खेलो जमकर
घुसाओ लंड जब नमी हो जाए
मैं न रहे मैं और तुम न रहे तुम
हमबिस्तर होते ही हमीं हो जाए
सोशल मीडिया मतलब पोर्न हब
सेक्स परोस रहे हैं खुलकर सब
लबालब भर गए सेक्स कुंठा से
कि कर नहीं पाए एक्सप्रेस जब
बंदर के हाथों उस्तरा मिल गया
कि आया मुश्किल से मौका अब
सेक्स वल्गर है या सोच वल्गर है
इन दोनों में द्वंद्व ख़त्म होगा कब
दो लड़की से एक साथ
इश्क लड़ाए हो कभी
हो दोनों ही सगी बहन
बताओ पटाए हो कभी
खूबसूरत बला के हाथों
दो जूती खाए हो कभी
कि नए तजुर्बे लेने को
नया आजमाए हो कभी
हेलमेट पहनकर बाइक ड्राइव
सीट बेल्ट लगाके कार चलाओ
रखो साथ में अपना लाइसेंस
वरना ट्रैफिक चालान कटाओ
कि सेक्स चौराहे पर तैयार रहो
सिग्नल मिलते ही गाड़ी घुसाओ
सेक्स में सुरक्षा सबसे अहम है
कंडोम लेकर ही कोठे जाओ
यूँ न दिखाओ मीठा सपना
कि कहीं शुगर न हो जाए
ऐसे न चलाओ नैन-कटार
कि पार जिगर न हो जाए
यूँ न दिखाओ मादक अदा
कि लिंग ट्रिगर न हो जाए
यूँ न मिलेगा चैन तब तक
कि सेक्स अगर न हो जाए
कभी कार वाले से पटती नहीं
साइकिल छाप से पट जाती है
ये दिल न जाने किसपे आ जाए
बाइक पे बैठ नदी तट जाती है
कार वाला देखता टुकुर-टुकुर
कि जलन में गाड़ फट जाती है
मैं गोरा हूँ और मुझे छोड़कर
काले भैंसे के साथ सट जाती है
मैं इंतजार करते रह जाता हूँ
मुझे बड़े प्यार से नट जाती है
कुछ सेक्स की बात सुनते ही
यूँ बात घुमाकर कट जाती है
मेरे सर पे हिरण सिंग है क्या
मुझे देखकर पीछे हट जाती है
नहीं मिलूंगी और नहीं आउंगी
दो बातें ही केवल रट जाती है
दिन में दरकता है कुछ रिश्ता
फिर रात में थोड़ी बन जाती है
दिन में भले ही चिल्लम-चिल्ली
फिर रात में घोड़ी बन जाती है
सारी शादियाँ सेक्स के चलते
यूँ सबकी जोड़ी बन जाती है
है इसी बात से कायम संबंध
कि बात निगोड़ी बन जाती है
मुझे सब पता है बाबू बुल्ली
निकालोगे तुम साबुत गुल्ली
कुछ तो बड़ा कर लोगे तुम
मुझे भरोसा एकदम फुल्ली
सेक्सी वीडियो देखके कैसे
खड़ा हो जाता छोटा लुल्ली
किताब चाटकर दो परीक्षा
यूँ चूत चाटकर करते कुल्ली
लॉयल रहे पति फिर भी
रहेगी मगर शंकालु बीवी
नजर पड़ोसी तरक्की पर
रहेगी घोर ईर्ष्यालु बीवी
जो पति को परमेश्वर माने
विलुप्त हुई श्रद्धालु बीवी
रह गई है डायन प्रजाति
कामचलाऊ चालू बीवी
कुछ होती झगड़ालू बीवी
कुछ होती है आलू बीवी
कुछ शेरनी जैसी होती है
कुछ होती है भालू बीवी
ढूंढने से भी नहीं मिलेगी
शांति पसंद दयालु बीवी
पूर्व जन्मों की कृपा से भी
शायद मिले कृपालु बीवी
जिस थाली के हम चट्टे-बट्टे
है वहीं की चट्टी-बट्टी औरत
कर देगी जीवन मटियामेट
महज समझो न मट्टी औरत
बर्बाद करने पे आ जाए तो
बनती आग की भट्ठी औरत
बाहर से दिखती भले दुर्बल
है अंदर से हट्टी-कट्टी औरत
लौड़ा लहसुन करती रहेगी
कुंदरु करेला बरबट्टी औरत
कहाँ से होगा जीवन मिठास
जब साथ रहेगी खट्टी औरत
जीवन पूरा तबाह कर देगी
बस एक हरामी टट्टी औरत
जीवन भर बकचोदी करेगी
कहाँ से पढ़ी ये पट्टी औरत
सेक्स भी परोस रहे हैं न्यूज़
करो भरपूर सेक्स का यूज
या तो चक्कर बढ़ाओ व्यूज
या मार्केटिंग का एक्सक्यूज़
निकालो अब भड़ास अपना
कि देकर वेबसीरीज एब्यूज
कुछ भी बकाया मत छोड़ो
साला पर्चा भर दो नो ड्यूज
दिखते हैं बाहर से हरे-भरे
ये बड़े-बड़े दो लाल तरबूज
मन बदला है जिसको देख
रंग बदला है देख खरबूज
कर लो चाहे जितना जतन
गिद्ध नजरों से कहाँ महफूज़
कुछ का खुद ही झांक रहा है
संभाल नहीं पा रहा ब्लाउज़
कि सुंदर-सुंदर सेक्सी व्यूज
है जीवन जन्नत देखो ह्यूज
बचो हानिकारक विचार से
मजबूत रखो दिमागी फ्यूज
गहराई सेक्स की समझो भी
सेक्स सरताज पहेली अबूझ
क्रूर दुनिया का क्रूर नियम
है घी छे करो घपाघप यूज
जिस्म से बस चकाचक
है गोबर भरा जाहिल में
एक अलग हुनर होता है
कुछ औरत काबिल में
जीवन तभी सार्थक होगा
सेक्स सफ़र के थ्रिल में
मोहब्बत भरा रहेगा जब
लबालब दरियादिल में
सेक्स मजा तभी देता है
जब प्यार होता है दिल में
चूहा घुसकर क्या करेगा
बस खाली-खाली बिल में
सुंदरता देख शादी हो गई
जीवन कटेगा मुश्किल में
उससे बढ़िया काली औरत
जब मजा नहीं कातिल में
होगा ही केमिकल लोचा
सेक्स है तरुणाई सच
मालूम होगा जवानी में
पलंगतोड़ ठुकाई सच
त्रियाचरित्र अबूझ पहेली
छल फरेब चतुराई सच
क्या जानते हो औरत को
जानते भी नहीं लुगाई सच
खनिज मिले खनन से
खदान की खुदाई सच
कौन झुठला सकता है
पहाड़ की ऊंचाई सच
कौन थाह पा सकता है
समुद्र की गहराई सच
अस्थायी है बाकी बातें
है सेक्स ही स्थायी सच
पैसे के लिए नौकरी
सेक्स के लिए शादी
गर इतना ही उद्देश्य
तय है तब बर्बादी
वैसे लंपट दुनिया ये
है बड़ी हरामज़ादी
चिल्लाते रह जाओगे
'लेकर रहेंगे आज़ादी'
जीवन मधु से भर जाएगा
जब मिल जाए सेक्स पराग
सेक्स में ही साधना छिपा है
पता चल जाए सेक्स सुराग
सेक्स सर्वोत्तम रूप बनेगा
अंतस से जब हो अनुराग
सेक्स में डूबो आसक्ति से
या उससे अच्छा है विराग
हम मर जाते अकेलेपन से
तादाद करती है औरत ही
लेडिस फर्स्ट के फेर में हमें
बाद करती है औरत ही
हम भूल जाते पेड़ लगाकर
खाद करती है औरत ही
औरत पर ही तमाम शायरी
इरशाद करती है औरत ही
मर्द को देती गम औरत ही
नौशाद करती है औरत ही
खुद बहाती खून की आंसू
आह्लाद करती है औरत ही
खुद रूठकर खुद पहले से
संवाद करती है औरत ही
मर्द तो है महा भुलक्कड़
याद करती है औरत ही
कभी रहती है चुप्पी साधे
निनाद करती है औरत ही
मर्दों को मादक अदा से
उन्माद करती है औरत ही
कि मर्द मुरादें पूरी करे पर
मुराद करती है औरत ही
अवसाद भी लाती औरत ही
दिलशाद करती है औरत ही
विस्तार का उद्घोष औरत
शंखनाद करती है औरत ही
हम तो मात्र निमित्त बनते हैं
औलाद करती है औरत ही
हम सिर्फ कमाना जानते हैं
जायदाद करती है औरत ही
सब रिश्ते-नाते समेटकर
जिंदाबाद करती है औरत ही
मर्द रह जाता है मन मसोस
फरियाद करती है औरत ही
जब मर्द अपाहिज होता है
इमदाद करती है औरत ही
घर-घर में घरेलू कलह भी
ईजाद करती है औरत ही
सिमटी रहती है खुद में ही
अंतर्नाद करती है औरत ही
कि बचकर रहना औरत से
विवाद करती है औरत ही
है औरत ही फसाद का जड़
फसाद करती है औरत ही
कमजोर बना सकती है और
फौलाद करती है औरत ही
कि कच्चे रह जाते सारे मर्द
उस्ताद करती है औरत ही
चयन करने में चुकोगे तो
बर्बाद करती है औरत ही
सफल रहा चुनाव अगर तो
आबाद करती है औरत ही
कि जीवन मीठा उससे ही
बेस्वाद करती है औरत ही
गुलाम बना लेती है औरत
आजाद करती है औरत ही
तुम बेचैन हो मिलने को
ना जाने कितनी रात से
वो भी बेचैन है मिलने को
ना खेलो यूँ ज़ज्बात से
लिंग से भरपूर भग भर दो
स्तन मसलो दोनों हाथ से
दिन बन जाए उसका भी
कि आज तुम्हारे साथ से
खिलाओ बढ़िया-बढ़िया कुछ
ख्याल रखो पेट का
जब लड़की नई पटाए हो तो
क्या रोना महंगे रेट का
शानदार होटल में जाना पड़ेगा
यही दस्तूर है डेट का
तभी तो मजबूत ताला खुलेगा
नाभि के नीचे गेट का
भीग जाए साथी का तन-मन
कि सेक्स बरसा दो मूसलाधार
सेक्स अनुष्ठान में सबसे पहले
फोरप्ले का जरूरी मंगलाचार
सृष्टा का अद्भुत सेक्स सृजन
कि योनि-लिंग है दिव्य आकार
निसर्ग नियम में आदमी बौना
है कुदरत करिश्मा सेक्स प्यार
नमक भी डाल दो स्वादानुसार
मिर्च-मसाला आवश्यकतानुसार
जीवन साग में सेक्स तड़का है
कि साथी मिल जाए मिलनसार
चुदाई का कोई मौका मिले तो
कि शादी का मत करो इंतजार
सेक्स में हरदम सुरक्षा जरूरी
फिर चुदाई करो सिलसिलेवार
फहरा दो शान से सेक्स ध्वज
और बन जाओ अलमबरदार
या कारवां में शामिल हो जाओ
कि बन सकते हो खिदमतगार
रोक-टोक जाने कब से जारी
अब खुलके करो प्रचार-प्रसार
यौन विषय कोई हौव्वा नहीं
सेक्स भी प्यार है आखिरकार
ये हीरो बन गया दिखावा प्यार
विलन हो गया सेक्स किरदार
कि करते-करते सेक्स कहेंगे
ये वाकई सेक्स है बड़ा बेकार
कभी नहीं सुधरेंगे चोद्दल लोग
ये हरामी साले दोगले मक्कार
इनकी बात सुनो मत बिल्कुल
ये सेक्स है सबसे सुंदर विचार
सेक्स में अहम है दो आधार
है चूत खुशहाली दूध बहार
चूत गरम हो तभी घुसाओ
समझते क्यों नहीं मेरे यार
लंड काटता चूत का चक्कर
है चूत बिना चुतिया संसार
कोई मिल जाए दुधारु गाय
तो दुहते रहो दूध बारम्बार
डेयरी फॉर्म का दूध भंडार
करो दूध से भक्कम प्यार
दूध दुह लो दोनों हाथ से
दूध है सेक्स का दूसरा सार
लंड घुसा दो चूत में फिर से
तुम भी बहा दो दूध की धार
कोई मिल जाए दूध नदी तो
तुम बन जाओ दूधसागर यार
चार चाँद लग जाएगा यूँ
करके देखो मुख मैथुन
क्या होता है असली मजा
क्या होता है सुख मैथुन
भग भोगोगे भक्ति जैसा
शांत हो जाएगा भूख मैथुन
कामकला में निपुण होकर
करो क्रिया कामुक मैथुन
जीभ पहुंचाएगा चरम तक
कि चखो कभी सेक्स स्वाद
असंतुष्टि से भी उपजते हैं
कि बहुत सारे घरेलू विवाद
यौन रस घोलो दाम्पत्य में
मिट जाएगा सेक्स विषाद
डटे रहो यूँ सेक्स पिच पर
और बने रहो प्लेयर नाबाद
जीभ दे सकता है जन्नत मजा
सेक्स को जीभ से स्पार्क दो
चुंबन से कई सर्कल बन जाए
कुछ गहरे प्यार का मार्क दो
दांत गड़ा दो कहीं-कहीं पर
कुछ इश्क निशानी डार्क दो
सील लगा दो मोहब्बत का
अपने सेक्स का ट्रेडमार्क दो
दुनिया में एक भी पुदी नहीं
जो शादी के पहले चुदी नहीं
बांध बनाकर रोक नहीं सकते
सेक्स है जनाब कोई नदी नहीं
दो-चार अपवाद को छोड़ दो
जो वासना आग में कूदी नहीं
खो जाता है सेक्स में सुध-बुध
कौन जो पहुंचा बेखुदी नहीं
कि सेक्स भी कटते जाता है
पहुँचते-पहुँचते टैक्स लाइफ
तन भी बिगड़ा मन भी बिगड़ा
पैसों ने बिगाड़ा सेक्स लाइफ
हम धीरे-धीरे ये भूल जाते हैं
क्या होता है रिलैक्स लाइफ
जितना बचा है उसे संवार लो
जो बीत गया है एक्स लाइफ
सावधानी बरतना सेक्स सफ़र में बेहद
सेक्स लाइफ में पड़ेगा बहुतों से वास्ता
कि सेक्स में जरूरी है सुरक्षित ड्राइव
कभी चौड़ी सड़क कभी संकरा रास्ता
दो मिनट में ही मिलेगी कोई मैगी तैयार
कभी पोहा-जलेबी कभी इडली नाश्ता
कभी मिल सकता है दम बिरयानी भी
कभी काम चलाओ कुछ खाकर पास्ता
अब बोर हो गए करते-करते
बहुत कर लिए बैठकर बात
पास के किसी ओयो रूम में
अब चलो करेंगे लेटकर बात
ऐसा चलता प्यार है आजकल
सेक्स करेंगे समेटकर बात
पहुंचना सेक्स के मुद्दे पर है
जितना भी करें लपेटकर बात
मुंह फुल जाए पत्नी का जब
फुलाना पड़ेगा तब सुराख़ भी
निखर उठेगा उतरा मुंह फिर
जब गोली दोगे दो खुराक़ भी
बस सेक्स इंजेक्शन काफी है
चुम्मी चटा दो चार फांक भी
कफ़न ढँक लेगा कई कलह
यौन रस घोलो एक छटांक भी
तन के मेल का खेल नहीं ये
सेक्स मन का प्यारा खेल
तन मिल जाए और बेहतर
मन के मेल का सारा खेल
मन से मिलता तन का सुख
तन से मन का न्यारा खेल
दो तन-मन जब एक हो जाए
जीवन सफल तुम्हारा खेल
कल ही तो मिले थे लव गार्डन में
उसने आज कह दिया ओयो चल
और झट से मान गई लड़की भी
द्रुतगति से बढ़ रहा लव आजकल
पलक झपकते प्यार हो रहा अब
और ब्रेकअप हो रहा दूसरे ही पल
ये यौन दमन का दूरगामी परिणाम
अब खोजो समस्या का कोई हल
माँ के दूध पर बचपन बीता
बीवी बूब्स पर जवानी रीता
गाय दूध पर बुढ़ापा गुजारो
टीवी पर सुनो भागवत गीता
स्कूली दिनों में प्रेम कहानी
आँख लड़ गई संग सुनीता
कॉलेज में चला लंबा अफेयर
बिछड़ गई फिर प्यारी नीता
इश्क अलग सेक्स अलग
ये आया कैसा दौर
ध्यान देना इस बात पर
या करना बाद में गौर
मन में मोहब्बत गैर से
है अलग सेक्स का ठौर
दिल तोड़ता कोई और है
पलंग तोड़ता कोई और
खड़ा हो जाता है लंड लंडू
बूब्स को घूरके देखते ही
उठ जाता है सीना तानकर
एकदम से उसके झुकते ही
घुस जाता है झट से भीतर
योनि में जरा-सा घिसते ही
क्रिकेट जैसे सेक्स पिच पर
खेल ख़तम पानी गिरते ही
हर आदमी ये कह रहा है
मुझे तो कुछ बड़ा करना है
हाथ में घड़ी लेकर बैठे हैं
ख्वाहिश है घड़ा करना है
मैं चिंतित हूँ बिस्तर पर कि
दोबारा कैसे खड़ा करना है
ढीला हो गया है पेनिस मेरा
फिर से इसे कड़ा करना है
सचेत हो जाओ प्रेम चोट में
थोड़ा लगने से पहले
हाथ खींच लो प्रेम आग में
फोड़ा लगने से पहले
बेवफ़ाई और जुदाई का
हथौड़ा लगने से पहले
लूट लो प्रेम में सेक्स मजा
लौड़ा लगने से पहले
सुख-संतुष्टि मिलेगा भरपूर
योनि शास्त्र के पालन से
ख़त्म होगा जीवन उबासी
सेक्स मुख प्रक्षालन से
जीवन में रस बना रहेगा
संतुलित सेक्स संचालन से
निसर्ग निरंतर चलायमान है
मैथुनमय परिचालन से
निभाना होगा नियम हमें
नैसर्गिक विधान का
करना होगा पालन हमें
योनि संविधान का
सीखना पड़ेगा भाषा हमें
शारीरिक विज्ञान का
खजुराहो में है दिव्यरूप
मैथुनमय इंसान का
पैसों के लिए ही प्यार का ढोंग
पैसा ही चाहिए मेरे यार को भी
प्यार के बदले अब प्यार कहाँ
पैसों से ही प्यार है प्यार को भी
इस पैसे में वो दुस्साहस है कि
हिला सकता है आधार को भी
प्यार ने अब नीचे झुका रखा है
पैसों के शुद्ध व्यापार को भी
कि तुम बहुत जानते हो
किंग कोबरा के बारे में
मगर तुम क्या जानते हो
लिंग कोबरा के बारे में
कुछ पता है नाईट वाला
फायरिंग कोबरा के बारे में
रात इबारत लिखने वाला
राइटिंग कोबरा के बारे में
संकरे रास्ते पर हादसे का डर
चौड़े रास्ते पर मजा ठुकाई का
लिंग हथियार का जिम्मा संभालो
सफ़ेद जंग की मस्त धुलाई का
संतुष्टि का शगुन देना ही पड़ेगा
लिंग उठाकर योनि दिखाई का
कैसे ठुकराओगे खुला आमंत्रण
रस्म निभाना ही पड़ेगा चुदाई का
कपड़ों पर केवल दिखावा के लिए
बहुत ज्यादा पैसे फूंकता है आदमी
मगर जीवन में बिना कपड़ों के ही
सबसे ज्यादा मजा लूटता है आदमी
कि सबसे शक्तिशाली चुंबक है सेक्स
सेक्स के नाम पर ही जुड़ता है आदमी
हो जाता है सेक्स पर जीवन न्योछावर
आखिर में सेक्स पर ही टूटता है आदमी
ऑफिस में ही निपट लो
जब साथ दे सहकर्मी
सोलह आने सच बताओ
क्या कामातुर है अधर्मी
काम भी तो पुरुषार्थ है
नहीं कहलाओगे विधर्मी
जीवन में जरूरी यौन रस
क्यों कहलाओगे कुकर्मी
उतार लेता है तन से कपड़ा
हद से ज्यादा गर्मी
और कच्छा भी उतार लेता है
प्यार की सरगर्मी
निर्वस्त्र होते ही मोहब्बत भी
उतार फेंकता है बेशर्मी
सख्त हो जाता है तनकर लिंग
कितना भी बरतो नर्मी
कि गन्ना जितना भी मोटा हो
यूँ निकल जाता है सारा रस
योनि मशीन के बीच आते ही
पिचकारी दुधिया धारा रस
रिसने लगता है यौन क्रिया में
दोनों का लसलसा न्यारा रस
समुद्री जल के वाष्पीकरण से
नमक बन जाता है खारा रस
उसका नाम भले ही पायल है
मगर बजाता कोई और है
उसका नाम भले ही सजनी है
लेकिन सजाता कोई और है
कोई उलझा सतरंगी बातों में
और रंग जमाता कोई और है
बूब्स लगता है हाथ किसी के
जिस्म फंसाता कोई और है
हम करते ख़ूब हैं थूक इस्तेमाल
कुछ ढीला करने में थूक प्रयोग
और अक्सर रात को याद आता है
कुछ गीला करने में थूक प्रयोग
कि पैसे गिनते हैं यूँ थूक लगाकर
कुछ ढीला करने में थूक प्रयोग
थूक से ही पलटते हैं पुस्तक पन्ने
कुछ गीला करने में थूक प्रयोग
मजहब के भीतर बंटवारा
शिया नहीं मानते सुन्नी को
संबंध बना रहे शीला संग
मनाकर लाना है मुन्नी को
घुन की तरह खा जाती है
कुछ गुप्त भावना घुन्नी को
आदर रहे हर अंतःवस्त्र का
मत भूलो बहिर्वस्त्र चुन्नी को
काम क्रीड़ा है सतत प्रक्रिया
करते ही रहते हो थल क्रीड़ा
रेगिस्तान में भी रोमांचक यात्रा
कभी तो करो मरुस्थल क्रीड़ा
करो प्रकृति के नाम कोई टूर
झरने में लिख दो जंगल क्रीड़ा
या झील में झेलो स्विमिंग करते
यादगार बना लो वो जल क्रीड़ा
पहला राउंड सिर्फ फॉर्मेलिटी है
थक मत जाना दूसरे राउंड पर
बस एक ही शॉट और ले सको तो
असली मजा है तीसरे राउंड पर
कि चरम आनंद है चौथी पारी में
ऊह्ह-आह्ह के चीखते राउंड पर
जिस्म से रूह तक बात भी पहुंचे
राउंड पे राउंड लिखते राउंड पर
बिस्तर में एक पास है लव
और चार की आस है लव
ये धीरे-धीरे समझ आ गया
क्यों इतना कि ख़ास है लव
कि हौले-हौले जान गया मैं
आखिर क्यों झकास है लव
कि सेक्स की तलाश है लव
कि सेक्स का लिबास है लव
इतना मानसिक रोड़ा क्यों
तोड़ना है दिमाग का लॉक
सेक्स को लेकर ऐसा टैबू
सेक्स शब्द से लगता शॉक
कि असली परीक्षा से पहले
कारगर होता है टेस्ट मॉक
सेक्स सहज स्वीकार करो
ख़त्म करना है मेंटल ब्लॉक
जीवन का आधार है सेक्स
रोटी कपड़ा मकान की तरह
सेक्स का जन्म विकास-मृत्यु
हुबहू किसी संतान की तरह
सेक्स के लिए शादी का तंत्र
हमने रचा है दुकान की तरह
इंसानियत घटकर रह गया है
दस फीसदी इंसान की तरह
कि सेक्स में पूर्ण संतुष्टि के बाद ही
बेहतर समझोगे आंतरिक आयाम
भग नहीं भोगे, जीवन से भागे तो
अटके ही रहोगे मानसिक आयाम
चरम भी पहुंचोगे, परम भी मिलेगा
माध्यम बनाओ शारीरिक आयाम
कहीं से भी शुरू करो पहुंचोगे वहीं
गहराई में उतरो दार्शनिक आयाम
काम के लिए होगा काम आसान
सेक्स को दे दो शादी का शक्ल
नए तरीके का कुछ ईजाद गुलामी
दिखता है भले आज़ादी का शक्ल
शब्दों को रख दो बड़े तरतीब से
दिखने लगेगा शायरी का शक्ल
बीवी-बच्चे, रिश्ते-नाते, उम्र ख़त्म
क्या इतना ही है जिंदगी का शक्ल
कि तैयार रखो ट्रैक्टर जुताई के लिए
जाना पड़ेगा बारिश में बुआई के लिए
उसे मिल जाएगा तुझसे कोई बेहतर
मोहब्बत में तैयार रहो जुदाई के लिए
सैकड़ों मशक्कतें मकाम पर पहुँचने
नीचे गिरना भी पड़ेगा ऊंचाई के लिए
कि कोई भी काम अचानक नहीं होता
मई-जून में तैयारी करो जुलाई के लिए
शुक्राणु से है मानव वजूद
अस्तित्व का आधार है वीर्य
प्रयोगशाला में नहीं बनता ये
निसर्ग का उपकार है वीर्य
अपने आप में ही मनुष्य का
एक संपूर्ण आकार है वीर्य
इससे ही नवसृजन होता है
मानव का रचनाकार है वीर्य