तुम बेचैन हो मिलने को
ना जाने कितनी रात से
वो भी बेचैन है मिलने को
ना खेलो यूँ ज़ज्बात से
लिंग से भरपूर भग भर दो
स्तन मसलो दोनों हाथ से
दिन बन जाए उसका भी
कि आज तुम्हारे साथ से
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