कभी रहती है चुप्पी साधे
निनाद करती है औरत ही
मर्दों को मादक अदा से
उन्माद करती है औरत ही
कि मर्द मुरादें पूरी करे पर
मुराद करती है औरत ही
अवसाद भी लाती औरत ही
दिलशाद करती है औरत ही
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