मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

उन्माद करती है औरत ही



कभी रहती है चुप्पी साधे 

निनाद करती है औरत ही 


मर्दों को मादक अदा से 

उन्माद करती है औरत ही 


कि मर्द मुरादें पूरी करे पर 

मुराद करती है औरत ही 


अवसाद भी लाती औरत ही 

दिलशाद करती है औरत ही 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें