सोमवार, 2 दिसंबर 2024

अस्तित्व का आधार है वीर्य

 


शुक्राणु से है मानव वजूद  

अस्तित्व का आधार है वीर्य


प्रयोगशाला में नहीं बनता ये 

निसर्ग का उपकार है वीर्य 


अपने आप में ही मनुष्य का 

एक संपूर्ण आकार है वीर्य 


इससे ही नवसृजन होता है 

मानव का रचनाकार है वीर्य 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें