शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

जो उदय हुआ अवसान बनेगा



बनते जाओगे और भी ज्ञानी 

कि जितना तू अज्ञान बनेगा 


यूँ ठहरे रहे तो सड़ जाओगे 

कि बढ़ते रहे तो शान बनेगा 


यूँ करीब होती जाएगी मंजिल 

जब सफ़र बिंदु प्रस्थान बनेगा 


ये बात भी ध्यान में रखना तुम 

जो उदय हुआ अवसान बनेगा 

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