दिन में दरकता है कुछ रिश्ता
फिर रात में थोड़ी बन जाती है
दिन में भले ही चिल्लम-चिल्ली
फिर रात में घोड़ी बन जाती है
सारी शादियाँ सेक्स के चलते
यूँ सबकी जोड़ी बन जाती है
है इसी बात से कायम संबंध
कि बात निगोड़ी बन जाती है
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