गुरुवार, 12 दिसंबर 2024

फिर रात में घोड़ी बन जाती है



दिन में दरकता है कुछ रिश्ता 

फिर रात में थोड़ी बन जाती है 


दिन में भले ही चिल्लम-चिल्ली 

फिर रात में घोड़ी बन जाती है 


सारी शादियाँ सेक्स के चलते 

यूँ सबकी जोड़ी बन जाती है 


है इसी बात से कायम संबंध 

कि बात निगोड़ी बन जाती है 

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