मंगलवार, 3 दिसंबर 2024

क्या कामातुर है अधर्मी

 


ऑफिस में ही निपट लो

जब साथ दे सहकर्मी 


सोलह आने सच बताओ 

क्या कामातुर है अधर्मी 


काम भी तो पुरुषार्थ है

नहीं कहलाओगे विधर्मी


जीवन में जरूरी यौन रस

क्यों कहलाओगे कुकर्मी 

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