पीछा नहीं छोड़ता अतीत का भूत
कितना भी चोदूं इसकी माँ की चूत
कि खून के आंसू रुलाता है मुझको
अरे सुनता ही नहीं कोई ईश्वर दूत
टोने-टोटके जाने कर लिए कितने
कि पीकर देख लिया चील का मूत
अब एक ही सहारा सांस चलने का
यूँ मिलता ही रहे बस सेक्स भभूत
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