शनिवार, 15 सितंबर 2018

ओ छोटू कहाँ है तू...

ओ छोटू कहाँ है तू...
सिर्फ एक शब्द नहीं पूरी किताब है छोटू
बीते हुए सुनहरे लम्हों का पूरा हिसाब है छोटू
छोटू मेरा दोस्त है जिगरी यार है छोटू
मेरे दिल का टुकड़ा छोटा संसार है छोटू
छोटू और मेरे बीच एक लंबी कहानी है
हमारी दोस्ती की फ़लसफ़ा बहुत पुरानी है
दोनों के दिलों में आज भी जिंदा है प्यार
दूरियों और दरारों के बावजूद दोस्ती है बरकरार
- कंचन ज्वाला कुंदन

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