कहे कुंदन कविराय
मंगलवार, 25 सितंबर 2018
लोगों को कडुवा सच भाता ही नहीं
मुझे मीठा झूठ बोलना आता ही नहीं
लोगों को कडुवा सच भाता ही नहीं
जब मैंने ख़ामोशी की लिबास ओढ़ ली
अब चाहने पर भी कुछ बोल पाता ही नहीं
- कंचन ज्वाला कुंदन
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