रविवार, 16 सितंबर 2018

अहंकार के उस घड़े को फोड़ दिया है मैंने ...

जीवन का एक नया तराना छेड़ दिया है मैंने
जीवन का बेसुरा गाना छोड़ दिया है मैंने

भटकाव के सौरास्तों से एक रास्ता चुना मैंने
सफर सुहाना की तरफ रुख मोड़ दिया है मैंने

फंसा हुआ था अलग-अलग सौ कामों के बीच में
जीवन के अब सारे उलझन तोड़ दिया है मैंने

जीवन के इस रास्ते पर रोड़ा था वह बहुत बड़ा
अहंकार के उस घड़े को फोड़ दिया है मैंने

अपने ही बेसुरेपन से नीरस पड़ा था जीवन-वीणा
मधुर वीणा के टूटे तार को अब जोड़ दिया है मैंने

- कंचन ज्वाला कुंदन

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