पैदा होने के बाद
पंद्रह किलो होते ही
स्कूल जाओ
सरकारी स्कूल में
नाम लिखाओ
पढ़ाई कम टीचर की डांट ज्यादा खाओ
गधे टीचर की वजह से
आप भी खच्चर बन जाओ
परीक्षा में पास होने
मंदिर जाओ, घंटा बजाओ
आरती करो, भोग चढ़ाओ
बोर्ड एक्जाम में में फेल हो गए तो
फांसी लगाओ
फंदे से बचकर बड़े हो गए तो
लड़की पटाओ
गलियों में चक्कर लगाओ
देश के दामाद बाबू
अंबानी का जियो फोन ले आओ
फ़ोकट में दिन-रात बतियाओ
कॉलेज की डिग्री लेकर
रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराओ
जगह-जगह चप्पल घिसने के बाद भी
जब कोई जॉब न लगे
तो खडूस बाप कहेगा- इस नालायक की शादी कराओ
शादी होने पर पंजीयन
बच्चे होने पर पंजीयन
गाड़ी खरीदने पर पंजीयन
रोजगारी का पंजीयन
बेरोजगारी का पंजीयन
एक-एक पंजीयन के लिए
पांच-पांच दिन का चक्कर लगाओ
कभी इस दफ्तर जाओ
कभी उस दफ्तर जाओ
आधार कार्ड बनाओ
पैन कार्ड बनाओ
राशन कार्ड बनाओ
वोटर लिस्ट में नाम लिखाओ
पासपोर्ट बनाओ
चालान कट जाएगा
जल्दी से गाड़ी का लाइसेंस दिखाओ
मार्कशीट में माँ का नाम गलत है
इसे जल्दी सुधरवाओ
यहाँ आओ, वहां जाओ
बच्चे को बुखार है
झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाओ
झोलाछाप डॉक्टर के गलती के कारण
बच्चे को बड़े डॉक्टर के पास ले जाओ
महंगे इलाज कराओ
मोटी फ़ीस चुकाओ
बाद में पता चला
इलाज के दौरान बच्चे की मौत
बिल भरो, डेड बॉडी ले जाओ
अब नहीं मिल रहा है मुक्तांजलि वाहन तो
पत्रकार को फोन लगाओ
डॉक्टर पर आरोप लगाओ
पत्रकार के मदद का भी
छोटा-मोटा कीमत चुकाओ
वैज्ञानिक बनते जा रहे पत्रकार बताएगा-
बच्चे की मौत दवाई के ओवरडोज से हुई है
जाओ तत्काल थाने में रिपोर्ट लिखाओ
थाने में बड़े तोंद के कांस्टेबल कहेगा
आज थानेदार साहब नहीं हैं
कल आओ
कल गए तो परसों आओ
परसों गए तो नरसों आओ
रिपोर्टर भैया को फिर फोन लगाओ
उसके आने पर उसकी गाड़ी में पेट्रोल भरवाओ
लंच टाइप का नाश्ता कराओ
सदियों से भूखे उस पत्रकार को खाना खिलाओ
मुर्गा बनाओ, दारू पिलाओ
मैंने कहा- भैया यही तो जीवन है
जीवन में ये सब करना ही पड़ता है
उसने गरियाते हुए कहा-
ज्ञान मत झाड़ो, अपना काम करो
मुझे कल फिर यहाँ आना है
परसों वहाँ जाना है
अभी ना जाने क्या-क्या बनवाना है
ये बनाओ-वो बनाओ
ये दिखाओ-वो दिखाओ
हर अधिकारियों की डांट सुनो
यहाँ-वहाँ धक्के खाओ
दुनियाभर के कार्डों की गलतियां सुधरवाने
कई-कई दिनों तक चक्कर लगाओ
हर कार्ड में एक न एक गलती करना
भारतीय ऑपरेटर का जन्म सिद्ध अधिकार है
भारत में ऐसा कोई एक भी काम नहीं
जिसका एक बार में ही नैया पार है
ढूंढने पर भी ऐसा कोई काम नहीं है
जो एक बार में ही आर-पार है
हर काम में पैसों का पेंच है
हर काम में रुपयों की दरकार है
दुनिया में सबसे बढ़िया मेरा लोकतंत्र है
और सबसे अच्छा भारत सरकार है
मित्रों...! सबसे अच्छा मोदी सरकार है
जीवन-चक्र ऐसे ही चलता रहेगा
गरीब के दिन दुर्दिन है
जीवन बहुत कठिन है
कुल मिलाकर बात कहूं तो
यही अच्छे दिन है
वोट देते समय लगा
कि RSS का मोदी है
अब जाकर पता चला
पंद्रह किलो होते ही
स्कूल जाओ
सरकारी स्कूल में
नाम लिखाओ
पढ़ाई कम टीचर की डांट ज्यादा खाओ
गधे टीचर की वजह से
आप भी खच्चर बन जाओ
परीक्षा में पास होने
मंदिर जाओ, घंटा बजाओ
आरती करो, भोग चढ़ाओ
बोर्ड एक्जाम में में फेल हो गए तो
फांसी लगाओ
फंदे से बचकर बड़े हो गए तो
लड़की पटाओ
गलियों में चक्कर लगाओ
देश के दामाद बाबू
अंबानी का जियो फोन ले आओ
फ़ोकट में दिन-रात बतियाओ
कॉलेज की डिग्री लेकर
रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराओ
जगह-जगह चप्पल घिसने के बाद भी
जब कोई जॉब न लगे
तो खडूस बाप कहेगा- इस नालायक की शादी कराओ
शादी होने पर पंजीयन
बच्चे होने पर पंजीयन
गाड़ी खरीदने पर पंजीयन
रोजगारी का पंजीयन
बेरोजगारी का पंजीयन
एक-एक पंजीयन के लिए
पांच-पांच दिन का चक्कर लगाओ
कभी इस दफ्तर जाओ
कभी उस दफ्तर जाओ
आधार कार्ड बनाओ
पैन कार्ड बनाओ
राशन कार्ड बनाओ
वोटर लिस्ट में नाम लिखाओ
पासपोर्ट बनाओ
चालान कट जाएगा
जल्दी से गाड़ी का लाइसेंस दिखाओ
मार्कशीट में माँ का नाम गलत है
इसे जल्दी सुधरवाओ
यहाँ आओ, वहां जाओ
बच्चे को बुखार है
झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाओ
झोलाछाप डॉक्टर के गलती के कारण
बच्चे को बड़े डॉक्टर के पास ले जाओ
महंगे इलाज कराओ
मोटी फ़ीस चुकाओ
बाद में पता चला
इलाज के दौरान बच्चे की मौत
बिल भरो, डेड बॉडी ले जाओ
अब नहीं मिल रहा है मुक्तांजलि वाहन तो
पत्रकार को फोन लगाओ
डॉक्टर पर आरोप लगाओ
पत्रकार के मदद का भी
छोटा-मोटा कीमत चुकाओ
वैज्ञानिक बनते जा रहे पत्रकार बताएगा-
बच्चे की मौत दवाई के ओवरडोज से हुई है
जाओ तत्काल थाने में रिपोर्ट लिखाओ
थाने में बड़े तोंद के कांस्टेबल कहेगा
आज थानेदार साहब नहीं हैं
कल आओ
कल गए तो परसों आओ
परसों गए तो नरसों आओ
रिपोर्टर भैया को फिर फोन लगाओ
उसके आने पर उसकी गाड़ी में पेट्रोल भरवाओ
लंच टाइप का नाश्ता कराओ
सदियों से भूखे उस पत्रकार को खाना खिलाओ
मुर्गा बनाओ, दारू पिलाओ
मैंने कहा- भैया यही तो जीवन है
जीवन में ये सब करना ही पड़ता है
उसने गरियाते हुए कहा-
ज्ञान मत झाड़ो, अपना काम करो
मुझे कल फिर यहाँ आना है
परसों वहाँ जाना है
अभी ना जाने क्या-क्या बनवाना है
ये बनाओ-वो बनाओ
ये दिखाओ-वो दिखाओ
हर अधिकारियों की डांट सुनो
यहाँ-वहाँ धक्के खाओ
दुनियाभर के कार्डों की गलतियां सुधरवाने
कई-कई दिनों तक चक्कर लगाओ
हर कार्ड में एक न एक गलती करना
भारतीय ऑपरेटर का जन्म सिद्ध अधिकार है
भारत में ऐसा कोई एक भी काम नहीं
जिसका एक बार में ही नैया पार है
ढूंढने पर भी ऐसा कोई काम नहीं है
जो एक बार में ही आर-पार है
हर काम में पैसों का पेंच है
हर काम में रुपयों की दरकार है
दुनिया में सबसे बढ़िया मेरा लोकतंत्र है
और सबसे अच्छा भारत सरकार है
मित्रों...! सबसे अच्छा मोदी सरकार है
जीवन-चक्र ऐसे ही चलता रहेगा
गरीब के दिन दुर्दिन है
जीवन बहुत कठिन है
कुल मिलाकर बात कहूं तो
यही अच्छे दिन है
वोट देते समय लगा
कि RSS का मोदी है
अब जाकर पता चला
ये केवल चश्मुद्दीन है
टीवी में मोदी के चेहरे और चश्मे को देखता हूँ
तो मुझे पूरी तरह फेल हो चुके
नोटबंदी की याद आती है
नोटों का केवल रंग बदलने
नोटों का केवल आकार बदलने
नोटबंदी में लाइन लगाओ
पैसे नहीं है तो भूखे मर जाओ
गुल्लक तोड़कर बिटिया की शादी कराओ
बिना कोई उपहार दिए विदा कराओ
नहीं चल रहा छोटा दुकान तो बंद करो
निठल्ले बैठे बैंक वालों को जाकर तंग करो
देश के लिए नोटबंदी है मित्रों...!
आओ मिलकर जंग करो
अंत में नोटबंदी की सफलता क्या...?
शून्य बटे सन्नाटा...
अंडा बटे पराठा...
-कंचन ज्वाला कुंदन
टीवी में मोदी के चेहरे और चश्मे को देखता हूँ
तो मुझे पूरी तरह फेल हो चुके
नोटबंदी की याद आती है
नोटों का केवल रंग बदलने
नोटों का केवल आकार बदलने
नोटबंदी में लाइन लगाओ
पैसे नहीं है तो भूखे मर जाओ
गुल्लक तोड़कर बिटिया की शादी कराओ
बिना कोई उपहार दिए विदा कराओ
नहीं चल रहा छोटा दुकान तो बंद करो
निठल्ले बैठे बैंक वालों को जाकर तंग करो
देश के लिए नोटबंदी है मित्रों...!
आओ मिलकर जंग करो
अंत में नोटबंदी की सफलता क्या...?
शून्य बटे सन्नाटा...
अंडा बटे पराठा...
-कंचन ज्वाला कुंदन
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