यह न कहना कि बेकार है
मेरी जिंदगी की यही सार है
तंगहाली-बदहाली, गरीबी-कंगाली
मेरा सच्चा यार है प्यार है
ऊपर खामोशी का लिबास है मेरे
अंदर आंसू की लहर है धार है
हंसने का हुनर ये श्वांग भी है जान लो
अंदर गम का गुबार है अंबार है
शोषण-कुपोषण मेरे जीवन की कुंदन
बारहमासी साथी सदाबहार है
- कंचन ज्वाला कुंदन
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