बुधवार, 19 सितंबर 2018

तुझे जिंदगी बसाने का शौक है शहर में...

तुझे जिंदगी बसाने का शौक है शहर में
तो जीने से पहले ही मर ले
कल की नींद के लिए आज
समझौता करना पड़े तो कर ले
भागना बुरा नहीं है
इस भागम भाग शहर में
तू भी तेज भागने का
जतन कोई कर ले
मगर कब तक भागेगा भाई...!
सुकून से कहीं, कभी तो ठहर ले
किराए में रहना बंद कर मेरे दोस्त
जा पहले अपना एक घर ले

- कंचन ज्वाला कुंदन

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