सारा सिस्टम लूल है, यही तो ट्रैफिक रूल है
मेरे घर से निकलते ही
दस कदम दूरी पर
रिंग रोड में
एक चौराहा पड़ता है
वहां अक्सर ड्यूटी बजाने वाले
किसी ट्रैफिक पुलिस से
मेरी जान पहचान है
वह निहायत ईमानदार है
और बहुत पढ़ा-लिखा भी
आप बिना हेलमेट के
गंवईहिया हुलिया में
कभी मेरे चौराहे से गुजरिए
आपको वह मात्र सौ रुपए लेकर
अपनी ईमानदारी का सबूत देगा
और उनके बातचीत करने के
शऊर से वह, कसम से
पीएचडी धारी लगता है
वह कितना प्यार से समझाता है
हेलमेट का गुण गिनाता है
हाँ, ये बात अलग है
वह खुद हेलमेट नहीं लगाता है
और वहां का ट्रैफिक साइन
जैसे पीकर सरकारी वाइन
अक्सर मदमस्त जलता है
साला, अपने हिसाब से चलता है
कुल मिलाकर........
सारा सिस्टम लूल है
यही तो ट्रैफिक रूल है
ट्रैफिक में.....
कभी पुलिस गलत
कभी चालान फर्जी
ट्रैफिक में......
कभी मेरी मनमानी
कभी उसकी मर्जी
ट्रैफिक में.....
आप सारा कागजात लेकर निकले हैं
ये आपकी भूल है
ट्रैफिक में.......
जुर्माना वसूली एक कानून है
अपना एक वसूल है
भले ही सारा सिस्टम लूल है
पर यही तो ट्रैफिक रूल है
- कंचन ज्वाला 'कुंदन'
मेरे घर से निकलते ही
दस कदम दूरी पर
रिंग रोड में
एक चौराहा पड़ता है
वहां अक्सर ड्यूटी बजाने वाले
किसी ट्रैफिक पुलिस से
मेरी जान पहचान है
वह निहायत ईमानदार है
और बहुत पढ़ा-लिखा भी
आप बिना हेलमेट के
गंवईहिया हुलिया में
कभी मेरे चौराहे से गुजरिए
आपको वह मात्र सौ रुपए लेकर
अपनी ईमानदारी का सबूत देगा
और उनके बातचीत करने के
शऊर से वह, कसम से
पीएचडी धारी लगता है
वह कितना प्यार से समझाता है
हेलमेट का गुण गिनाता है
हाँ, ये बात अलग है
वह खुद हेलमेट नहीं लगाता है
और वहां का ट्रैफिक साइन
जैसे पीकर सरकारी वाइन
अक्सर मदमस्त जलता है
साला, अपने हिसाब से चलता है
कुल मिलाकर........
सारा सिस्टम लूल है
यही तो ट्रैफिक रूल है
ट्रैफिक में.....
कभी पुलिस गलत
कभी चालान फर्जी
ट्रैफिक में......
कभी मेरी मनमानी
कभी उसकी मर्जी
ट्रैफिक में.....
आप सारा कागजात लेकर निकले हैं
ये आपकी भूल है
ट्रैफिक में.......
जुर्माना वसूली एक कानून है
अपना एक वसूल है
भले ही सारा सिस्टम लूल है
पर यही तो ट्रैफिक रूल है
- कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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