रविवार, 16 सितंबर 2018

पहले सफाया उस सत्ता का जो इसका जिम्मेदार भी है ...

ठीक है मान लिया हर नक्सली गद्दार भी है
दिमाग से पंगु मानसिक बीमार भी है

कैसे जुटाते हैं कहां से आते हैं इतनी मोटी रकम
सुना है उनके पास बड़े-बड़े हथियार भी है

हमारे शहर की हलचल कैसे पहुंचती है उन तक
जंगल से जुड़ा इस शहर में कोई तार भी है

ठीक है आप पूरी तरह उन्हें खोखले साबित कर लो
मगर नेटवर्क से लगता है इनका ठोस विचार भी है

पढ़े-लिखे लोग जुड़े हैं किसी मुहिम की तरह
मुमकिन है इसके पीछे कोई सरकार भी है

बेवजह नहीं भड़की होंगी घातक ये चिंगारियां
पहले सफाया उस सत्ता का जो इसका जिम्मेदार भी है

- कंचन ज्वाला कुंदन

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