जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
फूल भी आएंगे
कांटे भी आएंगे
जिंदगी की हार में जड़ते चलो
जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
दुश्मनों से ज्यादा
दोस्तों से तुम
जिंदगी जंग है लड़ते चलो
जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
टूटते - बिखरते
उठते - गिरते
जिंदगी के रास्ते गढ़ते चलो
जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
दूसरों को दोष
क्या दोगे भला
हर सितम अपने ही माथे मढ़ते चलो
जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
रुकने को एक दिन
जिंदगी आवाज देगी
भर न सकेगी एक डग
जिंदगी जवाब देगी
जब तक तेरे बस है मगर
बंदा हजीर बढ़ते चलो
जिंदगी किताब है पढ़ते चलो
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