#मानव मंसूबा फल-फूल रहा है
#ठीक ही है वो ठूंठ नहीं (दिशाहीन उन्नति)
#आदमी आँख का अँधा मगर
#आठ पैर है झूठ नहीं (घोर स्वार्थी)
#लोग व्रत रखा करते हैं
#जिस दिन जिसे भूख नहीं (खोटा नियत)
#आदमी आदमखोर है 'कुंदन'
#इस बात का दुःख नहीं (वास्तविकता)
- कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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