शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020

वो आबरू है फ़क़त कोई तमाशा नहीं, तू छीन करके ले लेगा ये दम है क्या...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें