रविवार, 23 फ़रवरी 2020

कल की छोड़ो आगे की कहानी लिखो, अपने आज की शाम को सुहानी लिखो...

कल की छोड़ो आगे की कहानी लिखो
अपने आज की शाम को सुहानी लिखो
कोई साथ नहीं देगा ये लिखकर ले लो
तुम अकेले ही दरिया की रवानी लिखो
बनाओ कुछ अपना तुम ऐसा किरदार
अपने बारे में सबकी मुंह जुबानी लिखो
पत्थर पर पत्थर तो कोई भी लिख लेगा
मैं चाहता हूँ तुम पानी पर पानी लिखो
- कंचन ज्वाला कुंदन

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