बुधवार, 26 फ़रवरी 2020

अरे तू भी हो गया दीवाना कुंदन, तेरा भी जीवन सत्यानाश लगता है...

बड़ा ही ताज्जुब एहसास लगता है
कभी-कभी हास-परिहास लगता है

जो पास है उससे फ़ासला बहुत है
कोई दूर रहकर भी पास लगता है

सैकड़ों मील दूरियों के बावजूद भी
उससे करीबी का आभास लगता है

मन में पाल लो मुगालता कोई भी
फिर तो बेकार भी खास लगता है

अरे तू भी हो गया दीवाना कुंदन
तेरा भी जीवन सत्यानाश लगता है

- कंचन ज्वाला कुंदन

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