सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

ये कहाँ सोचा था हम दोनों ने कभी, सिर्फ ख़्वाब में ही बादाम खाना होगा...

मोहब्बत की कीमत यूँ चुकाना होगा
ज्यादा खोकर जरा सा पाना होगा
जो जरा में ही जी लिया हो जीभर
वो और तो कोई नहीं दीवाना होगा
कहती थी कि बादाम बहुत महंगे हैं
किशमिश से ही काम चलाना होगा
बांहों में भरकर गालों पे किशमिश
बस इतना ही लेने तुम्हें आना होगा
तुम बादाम लेने तो कभी मत आना
केवल किशमिश लेकर जाना होगा
ये कहाँ सोचा था हम दोनों ने कभी
सिर्फ ख़्वाब में ही बादाम खाना होगा
- कंचन ज्वाला कुंदन

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें