सोमवार, 30 मार्च 2020

बोलने में पंचमुखी नजरिया षडकोण रहे, अरे दौलत के लिए भैया दशभुज बनो...

द्विबाहु पैदा हुए हो ये बात तो नैसर्गिक है
मैं चाहता हूँ तुम मेहनत में त्रिभुज बनो
खुद के खातिर बनो, बड़े शातिर बनो
माहिर हो जाओ चालाकी में चतुर्भुज बनो
येन-केन-प्रकारेण पूरा करो स्वार्थ अपना
अपने मतलब की आदतों में अष्टभुज बनो
बोलने में पंचमुखी नजरिया षडकोण रहे
अरे दौलत के लिए भैया दशभुज बनो
- कंचन ज्वाला कुंदन

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