रविवार, 29 मार्च 2020

अभी अंधेरे में रह ले, गुमनामी में जी ले, सब्र रख बड़े जोरों से सवेरा भी आएगा...

हर कुत्ते का दिन आता है तेरा भी आएगा
मैं सब्र रखा हूँ क्योंकि दिन मेरा भी आएगा
तू सच्चा है तो सौदा कर अपने ईमानों का
खुद ही चलके साला कोई डेरा भी आएगा
मुसीबतों से लड़ने हथियार जुटाके रख
तुम्हें घेरने को संकट का घेरा भी आएगा
धूप से तिलमिला कर तू निकलेगा बाहर
तभी मुसीबत बनकर अंधेरा भी आएगा
अभी अंधेरे में रह ले, गुमनामी में जी ले
सब्र रख बड़े जोरों से सवेरा भी आएगा
- कंचन ज्वाला कुंदन

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