- जिंदगी का पिटारा खोलो जरा
- क्या-क्या किये बोलो जरा
- हम भी डूब जाएँ, सराबोर हो जाएँ
- प्यार का कुछ ऐसा रस घोलो जरा
- ऐसा क्या हो गया कोई अंदर से रो गया
- तुमने क्या कह दिया था तोलो जरा
- किसी को कुछ भी कह देने की आदत छोडो
- अपनी गिरेबान भी टटोलो जरा
- जो आज भी तने-तनहा है 'कुंदन'
- उसका किसी साअतें हो लो जरा
- -कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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