बुधवार, 26 अक्टूबर 2016

छोटी सी फुंसी कभी फोड़ा बन जायेगा सोचा न था

जिंदगी घोड़ा बन जायेगा सोचा न था
जिंदगी भगोड़ा बन जायेगा सोचा न था

हे मालिक ! तेरे बन्दों पर तो रहम कर
सब तेरे हाथों का हथौड़ा बन जायेगा सोचा न था

इस जिंदगी को जहन्नुम कहूँ या जन्नत
हर आदमी को पीटने कोड़ा बन जायेगा सोचा न था

जिन्दगी मेरी मवाद की मानिंद बहती है 'कुंदन'
छोटी सी फुंसी कभी फोड़ा बन जायेगा सोचा न था

- कंचन ज्वाला 'कुंदन'

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