यह संसार आग की भट्ठी है 'कुंदन'
- दूर खड़ा कोई राह क्यों रोकता है
- उन्हें क्या गरज है कि टोकता है
- तुम चलो अपने राह इतना ही ठीक है
- कुत्ते की आदत है कुत्ता है भौंकता है
- अतीत जो आवाज कर करके कहती है
- जो आया है वो जायेगा, बात यहीं पुख्ता है
- यह संसार आग की भट्ठी है 'कुंदन'
- यहाँ जिंदगी हर कोई आग में ही झोंकता है
- - कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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