- कभी वाचक कभी पाठक कभी लेखक बन गए लोग
- कभी मगर कभी मछली कभी मेंढक बन गए लोग
- कभी रेत कभी खेत कभी लकीर बन गए लोग
- कभी शराबी कभी संत कभी फ़क़ीर बन गए लोग
- कभी नेक कभी बद कभी लोभी बन गए लोग
- कभी आलू कभी अंडा कभी गोभी बन गए लोग
- कपडे की तरह बदलते हुए चोले बन गए लोग
- कभी शबनम कभी शोले कभी गोले बन गए लोग
- - कंचन ज्वाला 'कुंदन'
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