रविवार, 23 अक्टूबर 2016

मगर हम चाहें तो उड़ सकते हैं

चलना- फिरना तो
विरासत में शामिल है

दौड़ना- भागना भी
हमें हासिल है

मगर हम चाहें तो
उड़ सकते हैं

उड़ने की भी
माद्दा रखते हैं

जो पंखों से उड़े
उन्हें पक्षी कहते हैं

जो हौसलों से उड़े
उन्हें आदमी कहते हैं

   - कंचन ज्वाला 'कुंदन' 

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