कहे कुंदन कविराय
सोमवार, 20 अप्रैल 2020
लद गए दिन लाठियों के, गोली दागो का समय है ये...
सोये रहे तो शिकार बनोगे
उठो जागो का समय है ये
रेंगने से मर जाना बेहतर
तेज भागो का समय है ये
लद गए दिन लाठियों के
गोली दागो का समय है ये
-कंचन ज्वाला कुंदन
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