घुंटने लगे अंदर ही ख्वाब तो जिंदगी जेल है
ख्वाब हकीकत में बदले तो जिंदगी रेल है
मैं तुमसे नहीं मिलता तुम मुझसे नहीं मिलते
हम दोनों की अधिकतर आदतें बेमेल है
मैं जो कर नहीं पाया वही उसने कर दिया
ये जानलो कि सब कुछ दिमाग का खेल है
सक्सेस-फेलियर के सफ़र में ही मजा है
फर्क न करो बाजी हेड है या टेल है
आगाज करो अंजाम के लिए हो जाओगे पास
जिसे भरोसा नहीं खुद पर वही शख्स फेल है
-कंचन ज्वाला कुंदन
ख्वाब हकीकत में बदले तो जिंदगी रेल है
मैं तुमसे नहीं मिलता तुम मुझसे नहीं मिलते
हम दोनों की अधिकतर आदतें बेमेल है
मैं जो कर नहीं पाया वही उसने कर दिया
ये जानलो कि सब कुछ दिमाग का खेल है
सक्सेस-फेलियर के सफ़र में ही मजा है
फर्क न करो बाजी हेड है या टेल है
आगाज करो अंजाम के लिए हो जाओगे पास
जिसे भरोसा नहीं खुद पर वही शख्स फेल है
-कंचन ज्वाला कुंदन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें