गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

डूब चाहो चाहे नदी में कूद जाओ चाहे आग में

दरिद्रता है दिमाग में
और अमीरी है ख्वाब में

नहीं मिलेगी कामयाबी कभी

डूब चाहो चाहे नदी में
कूद जाओ चाहे आग में

मुझे बस इतना ही कहना था
तुम्हारे सवाल के जवाब में

जो दिमाग में हो वो ख्वाब में हो
जो ख्वाब में हो वो दिमाग में हो

तभी मिलेगी सफलता

मैंने यही पढ़ा है साथियों
दर्जनों किताब में

मुझे बस इतना ही कहना था
तुम्हारे सवाल के जवाब में

-कंचन ज्वाला कुंदन



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