कब तक चलते रहोगे गरीबी के डगर पर
चलो निकलो तुम भी अमीरी के सफ़र पर
अमीरी कोई हौव्वा नहीं जो हासिल नहीं होगा
अमीरी ही रखो तुम हर पल नजर पर
अमीर से पूछो वो अमीर कैसे बना
किस्मत पर नहीं कर्म के असर पर
कठिन राह पर निकलो तो भरोसा रखो
खुदा पर नहीं खुद के जिगर पर
पैसा कमाना भी एक कला है 'कुंदन'
निर्भर है ये अपने-अपने हुनर पर
- कंचन ज्वाला कुंदन
चलो निकलो तुम भी अमीरी के सफ़र पर
अमीरी कोई हौव्वा नहीं जो हासिल नहीं होगा
अमीरी ही रखो तुम हर पल नजर पर
अमीर से पूछो वो अमीर कैसे बना
किस्मत पर नहीं कर्म के असर पर
कठिन राह पर निकलो तो भरोसा रखो
खुदा पर नहीं खुद के जिगर पर
पैसा कमाना भी एक कला है 'कुंदन'
निर्भर है ये अपने-अपने हुनर पर
- कंचन ज्वाला कुंदन
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