गुरुवार, 15 नवंबर 2018

मैं जानना चाहता हूँ आपसे ही...

फेसबुक में 5 हजार फ्रेंड 
जल्दी-जल्दी पूरा करो भाई 
बाद में करते रहना फिर 
छंटाई पर छंटाई 
पहले तो कुआँ खोदो 
फिर खोदते रहना खाई  
व्हाट्सएप में भी 
पूरे दिन-पूरी रात 
देते रहो रिप्लाई पर रिप्लाई  
मतलब तो साफ़ है 
मोबाइल का मालिक नहीं हूँ मैं 
गुलाम बन चुका हूँ इस कमबख्त का 
लाइक और कमेंट का 
लगाते रहता हूँ हिसाब 
उसने दिया है मुझे तो 
मैं भी देते रहता हूँ जवाब 
बहुत हो गया...
मैं निकलना चाहता हूँ 
इस कुचक्र से बाहर 
कोई रास्ता हो तो बताना जरूर 
मैं जानना चाहता हूँ आपसे ही...

- कंचन ज्वाला कुंदन 

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