बुधवार, 14 नवंबर 2018

अब आप ही बताएं मुझे किसे वोट देना चाहिए...

परसों रात
पड़ोसी के घर के छत से
मेरे घर के छत पर 
कांग्रेस पार्टी के
कुछ लौंडे आये थे
सिंटेक्स के ऊपर
एक बड़ा-सा
अपनी पार्टी का
चुनावी झंडा फहरा के चले गए
ठण्ड के दिनों में
धूप में नहाने के लिए
मेरे घर के छत पर
नल की एक टोटी लगी है
रोज की तरह
जब सुबह मैं छत पहुंचा
गुनगुनी धूप में
नहाने के लिए
कांग्रेस के उस बड़े-से झंडे ने
मेरे हिस्से का
आधी धूप ढँक लिया था
मैंने खुद से
समझौता कर लिया
आधी धूप में ही
बदन सेंक लिया
गुनगुनी धूप की
आधी मजा में नहाकर
बस्तर की हालात जैसे
दफ्तर चला गया
फिर बीते कल रात ही
पड़ोसी के घर के छत से
मेरे घर के छत पर
बीजेपी के कुछ बंदर आये थे
उन लोगों ने भी...
उसी सिंटेक्स के ऊपर
जहाँ से मुझे
आधी धूप नसीब हो रही थी
उसमें कांग्रेस पार्टी से भी बड़ा
विजय पताका फहरा दिया   
रोज की तरह जब
सुबह मैं फिर से छत पहुंचा
पूरा सूरज ढँक चुका था
मेरे हिस्से का पूरा धूप गायब था
अब आप ही बताएं
मुझे किसे वोट देना चाहिए...

कंचन ज्वाला कुंदन    

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