कहे कुंदन कविराय
मंगलवार, 27 अगस्त 2024
वरना ऐसे ही मर जाऊंगा सर झुकाकर
गिरकर उठना है तो उठूंगा सर उठाकर
वरना ऐसे ही मर जाऊंगा सर झुकाकर
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