अगर इजाजत हो जनाब तो पूछना चाहता हूँ एक बात
बताओ मुझे पत्रकारिता की आजकल क्या है औकात
बताओ मुझे पत्रकारिता की आजकल क्या है औकात
जिन चंद शब्दों को बता रहा है रिपोर्टर भी
उन्हीं चंद शब्दों को दुहरा रहा है एंकर भी
उन्हीं चंद शब्दों को दुहरा रहा है एंकर भी
आजकल के पत्रकारों को पिटपिटी सांप भी डराता है
टिक-टॉक का छिछोरा भी उसे दलाल बताता है
टिक-टॉक का छिछोरा भी उसे दलाल बताता है
टीवी पर वो आदमी चंद रोटी के लिए आता है
बड़ी मुश्किल से बेचारे का परिवार पल पाता है
बड़ी मुश्किल से बेचारे का परिवार पल पाता है
तुम्हें पता नहीं है दोस्त दरअसल पर्दे की कहानी
पर्दे के पीछे वाला आदमी सबसे ज्यादा कमाता है
पर्दे के पीछे वाला आदमी सबसे ज्यादा कमाता है
- कंचन ज्वाला कुंदन
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