मंगलवार, 3 सितंबर 2019

साला कौड़ी भर सच दिखाने के लिए

ये रास्ता छोड़ दे वो मंजिल पाने के लिए
तू मर जाएगा बे एक-एक दाने के लिए
काश, मेरी बात तुम्हें समझ में आता
चैनल खुला है सिर्फ कमाने के लिए
पूरे दिन बक-बक, पूरी रात चिल्ल-पों
साला कौड़ी भर सच दिखाने के लिए
खबर की शक्ल में विज्ञापन ही विज्ञापन
तेरा बचा हुआ दिमाग भी खाने के लिए
अब ये मत कहना बे कुत्ते-कमीने
आपका शुक्रिया सच बताने के लिए
-कंचन ज्वाला कुंदन

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